Chhutki Gilhari
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Rs. 35.00
कविता के माध्यम से भोपाल शहर के एक हिस्से का किस्सा बयाँ करते-करते हमारे आस-पास के पेड़-पौधों की देखभाल की ओर भी ध्यान दिला जाती है यह कविता। यह मूल रूप से चकमक में छपी थी। इसका नाटक के रूप में मंचन किया जा सकता है और इसको बतौर कहानी भी सुनाया जा सकता है।